भारत में 2 प्रकार के लोग है- एक जो अपनी वित्तीय जीवन की योजना करते है और दूसरे वह जो बहाओ के साथ बहने देते है| दूसरे समूह की संख्या काफी ज्यादा है और यह लेख उन्ही को केंद्रित करके लिखा गया है| ज्यादातर निवेशक जो अपना काम स्वयं करते है, वे इस लेख के माध्यम से शुरुवाती दौर की फाइनेंसियल प्लानिंग खुद ही कर सकते है|
इसके लिए आपको कोई प्रमाणित वित्तीय योजनाकार (सर्टिफाइड फाइनेंसियल प्लानर) होने की कोई जरुरत नहीं है|
इन 8 आसान तरीको से फाइनेंसियल प्लानिंग किया जा सकता है –
1. एक आपातकालीन फंड बनाये
एक आपातकालीन फण्ड का निर्माण करना काफी आवश्यक फैसला है क्योकि भविष्य पर अपना कोई नियंत्रण नहीं है| फाइनेंसियल प्लानिंग के लिए आदर्श रूप से इस फण्ड में ६-९ महीने मासिक घर खर्च जीतनी पूंजी तो अवश्य ही होना चाहिए|
उदहारण के तौर पर, मान लीजिये आपकी मासिक घर खर्च २०००० रुपये है, तो आपका आपातकालीन फण्ड काम से काम १२०००० रुपये तो होना ही चाहिए| ध्यान रखे की इन पैसो का इस्तमाल आपातकालीन समय पर ही करे जैसे गंभीर बीमारी के दौरान, जॉब छूटना आदि| इस पूंजी को एक बीमाकृत बैंक खाते में रखे जिससे जरुरत के समय में आसानी से निकाला जा सके|
2. टर्म इंश्योरेंस ख़रीदे (खासकर यदि आपके ऊपर कोई निर्भर हो)
टर्म इंश्योरेंस के विषय में सबसे अच्छी बात यह है की यह काफी सस्ती है बाकी इंश्योरेंस प्लान के मुकाबले। उदहारण के तौर पर यदि एक २३ वर्षीय पुरुष ६७५०००० का इन्शुरन्स कवर लेना चाहे तो उसे केवल ७००० रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना होगा जिससे हर दिन का केवल १९ रुपये प्रति दिन का आता है| टर्म इंश्योरेंस उनके लिए काफी आवशयक है जो अपने परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य है और बाकि सदश्य आप पर निर्भर हो|
3. मेडिक्लेम ख़रीदे
किसी ने सही ही कहा है की स्वास्थ ही असल धन है| एक स्वस्थ लाइफस्टाइल का पालन करे क्योकि स्वस्थ बैंक अकाउंट तब ही रहेगा जब आप स्वयं स्वस्थ होंगे| ऐसे बहुत लोग है जो अपनी मेहनत की कमाई केवल इलाज पर ही खर्च कर देते है|
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अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए मेडिकल इन्सुरेंस अवश्य करे और यदि आप अभी सदस्यों का इन्शुरन्स न कर पाए तो उनकी अवश्य करे जिनकी उम्र ३०-३५ वर्ष से ज्यादा है|यह फाइनेंसियल प्लानिंग का बहुत एहम हिस्सा है
4. ज्यादा से ज्यादा बचत करे
आपके सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए बचत करना अति आवश्यक है और अपने वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बचत करना सबसे पहला कदम है| ज्यादातर लोग खर्चीले स्वभाव के होते है और इसी कारणवश जरुरत के समय उन्हें पैसे का अभाव होना लाज़मी है|इसलिए उनको फाइनेंसियल प्लानिंग करने में दिक्कत होती है
ज्यादातर लोग अपनी कमाई से खर्च करने के बाद जो थोड़ा बहुत बचता है, उसे निवेश करते है| तरीके से लोगो को पहले अपनी कमाई से बचत अलग कर, फिर जो बचे उसे खर्च करना चाहिए|
आसान भाषा में-
खर्च = कमाई – बचत
मान लीजिये आपकी मासिक तन्खा ३०००० रुपये है और आपने ३० प्रतिशत बचाने का सोचा है| सबसे पहले आप ७००० रुपये इसमें से अलग कर ले और अपनी बेफिज़ूल की खर्च को बंद कर, बाकि बचे पैसे से ही मासिक खर्च चलने का प्रयास करे|
5. पैसे को समझदारी से निवेश करे
पैसो को निवेश करने के लिए एक सही निवेश वर्ग चुने अपनी जोखिम लेने की छमता को देखते हुए| जोखिम को कम करने के लिए एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाये खासकर शायरों के लिए जिन्हे काफी जोखिम भरा समझा जाता है|
शायरों में निवेश करना एक अच्छा बिकल्प है यदि आप लम्बे समय (५-१० साल) तक निवेश करने का सोच रहे हो| “पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग” बहुत अच्छा काम करता है लम्बे अवधि वाली निवेशों में और महान साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने इसे दुनिया का अथवा अजूबा कहा है| यदि आप खुद के निवेश करने में सक्षम न हो, तो एक अच्छे वित्तीय सलाहकार की सहायता ले|
6. रिटायरमेंट प्लानिंग
रिटायरमेंट प्लानिंग से हमारा तात्पर्य है अपने बचत का आवंटन करना रिटायरमेंट के उद्देश्य से| रिटायरमेंट प्लानिंग का मूल उद्देश्य है वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना|
ज्यादातर लोग ५०-५५ के उम्र के बाद ही रिटायरमेंट प्लानिंग का सोचते है परन्तु तब अपने रिटायरमेंट लक्ष्य को हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण विषय हो जाता है| इससे पार पाने के लिए हमे रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुवात और जल्दी करने की जरुरत है और बेहतर होगा की हम थोड़ा थोड़ा निवेश करना शुरू कर दे जैसे ही हम पैसे कमाने लगे| इससे फायदा यह होगा की हम हर महीने थोड़ी थोड़ी बचत से अपने रिटायरमेंट के लक्ष्य को आसानी से हासिल करने में सक्षम होंगे|
चलिए इसे एक उदहारण से समझते है| मान लीजिये आपकी उम्र ३० वर्ष है और आप ६० वर्ष में रिटायरमेंट का सोच रहे है| आपकी मासिक आय ३०००० रुपये है और रिटायरमेंट पर आपका लक्ष्य ५० लाख की पूंजी बनाने की है|
मान लीजिये की आप हर महीने ५००० रुपये की निवेश का सोच रहे है और इसपर आप ६.५ प्रतिशत (अभी का बैंक फिक्स्ड डेपोसिय दर) की ब्याज प्रति वर्ष कमा रहे है| ३० वर्ष के बाद आपके पास कम से कम ५५ लाख की पूंजी होगी| वही यदि आप पूरी ५००० रुपये फिक्स्ड आय में निवेश न करके, इसमें से २००० रुपये यदि आप शेयर बाजार में निवेश करे (जिससे हम १२ प्रतिशत हर वर्ष की अपेक्षा आसानी से कर सकते है कर सकते है लम्बी अवधी में), तो आप रिटायरमेंट में १ करोड़ बना सकते है| आप अपने रिटायरमेंट लक्ष्य को पाने के लिए इस कम्पाउंडिंग कैलकुलेटर की सहायता ले सकते है|
7. अपने वित्तीय लक्ष्य को विभाजित करे
अपने वित्तीय लक्ष्य को विभिन्न अवधी में विभाजन करे जैसे की छोटी अवधी, मध्य अवधी और लम्बी अवधी और इसे ध्यान में रखते हुए ही निवेश करे| आप मेहनत से छोटी अवधी वाले लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करे और इससे आप कही न कही अपनी मध्य और लम्बी अवधी वाले लक्ष्य को भी सक्षम बनाने के लिए भी मदद कर रहे है| समय समय पर इसे देखते रहे और अपने लक्ष्य से भटकने पर इसके समाधान की उपाए करे|
8. वसीयत बनाये
माता पिता के लिए दस्तावेज बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है क्योकि यदि आपको कुछ हो जाये तो आपके बच्चो का ख्याल कौन रखेगा, इसका जिक्र भी आप दस्तावेज में कर सकते है| इससे आप निश्चिंत हो सकते की आपके बच्चो का देखभाल अच्छे से हो जब आप ना रहे|यह सभी तरीके एक शुरुआतकर्ता वित्तीय योजना के लिए बहुत फायदेमंद है
यदि आप चाहते है की आपके मृत्यु के बाद परिवार में कोई झगड़ा या समस्या न हो तो अपने परिवार के सूख-शांति के लिए दस्तावेज अवश्य बनाये|
निष्कर्ष
इसके आलावा काफी और छेत्र है जैसे की टैक्स प्लानिंग आदि जहा आपको एक वित्तीय विशेषज्ञ की आवशकता होगी| ध्यान रखे की जो भी वित्तीय सहायता आप ले, उसे समझने का प्रयास अवश्य करे की कार्य ठीक से संपन्न हो रहा है या केवल आपके पैसे लुटे जा रहे हो| अपने वित्तीय ज्ञान को बढ़ाने के लिए अच्छी किताबो तथा ऑनलाइन वीडियोस का सहारा ले| आप Kredent Money से भी पर्सनल फाइनेंसियल प्लान बना सकते है