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- वे क्षेत्र जिनमें लॉकडाउन के बाद तेज़ी से सुधार होगा
- कोरोना वायरस (Covid 19) के कारण बाज़ार में जो हाल ही में गिरावट आई है इससे कंपनीयों के दामों में जो जड़ता (गिरावट) हुई है, यह एक आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदर्शित करता है׀
- लम्बे समय के निवेशकों के लिए, बहुत कम दामों में शेयरों को खरीदने या अपने पोर्टफोलियो में ऐसे शेयरों को जमा करने का एक बहुत अच्छा अवसर है׀
- निवेशकों के लिए ‘डिप रणनीति’ पर खरीददारी करने का सुझाव दिया जा सकता है׀
24 मार्च को, भारत सरकार ने देश के लोगों को घातक Covid 19 से बचने के लिए देशव्यापी तालाबंदी (लॉकडाउन) की घोषणा की थी׀
Table of Contents |
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आर्थिक कारक |
कोविड 19 लॉकडाउन के बाद लाभकारी क्षेत्र |
एक ऐसा कदम जिसने इस प्रकोप को रोकने के लिए 1.3 अरब लोगों को लॉकडाउन में डाल दिया, निस्संदेह इसने अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित किया है परन्तु लॉकडाउन के बाद कुछ क्षेत्र ऐसे भी है जो दूसरों कि तुलना में तेज़ी से ठीक हो जाएँगे׀
आर्थिक कारक
लॉकडाउन हटने के बाद व्यापार में तेज़ी देखी जा सकती है׀ कच्चे तेल (क्रूड आयल) के दाम में बड़ी गिरावट से कुछ क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है׀
चालू खाते का घाटा कम हो जाएगा क्योंकि हमारे प्रमुख आयात बिल में क्रूड आयात का गठन किया गया है׀
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बढ़े हुए दामों में भी गिरावट आएगी क्योंकि सभी चीजें सामान्य होने लगेंगी׀इसीलिए जब ये धुल जैम जाएगी, तो ये क्षेत्र तेज़ी से वापस उछलेंगे. इनमे से कुछ है:
Covid 19 लॉकडाउन के बाद लाभकारी क्षेत्र
तेल क्षेत्र:
कोविड 19 की वजह से कच्चे तेल कि कीमतों में आई कमी से आईओसी, एचपीसीएल, बीपीसीएल जैसी सरकारी तेल व्यापारी कंपनियों को भी लाभ मिलना चाहिए, जिससे संशोधन और व्यापारिक सीमा के साथ कम खरीद कि लागत को बढ़ावा मिल सकता है׀
इसी प्रकार, कच्चे तेल कि कीमतों में गिरावट के कारण स्नेहक कम्पनियाँ जैसे कैस्ट्रोल और गल्फ आयल लुब्रिकेंट इंडिया को भी लाभ होने संभावना है׀
एफएमसीजी क्षेत्र:
एफएमसीजी कम्पनियाँ, ख़ास तौर पर वो जो माजबूत ब्रांड और वितरण व्यवस्था से परिपूर्ण हो, उनमे वापस उछाल आने कि संभावना है क्योंकि लॉकडाउन खुलते ही भारत में हर जगह सामान पहुंचेगा׀
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से मार्जिन के लिहाज से उपभोक्ता वस्तुओं कि कंपनियों के लिए अच्छा रहेगा क्योंकि क्रूड कि कीमतें कम होने का अर्थ है पैकेजिंग लागत में भी कमी आना׀ (सम्पूर्ण इनपुट कीमतों का 15-20%)
हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड जैसी कंपनियों में कच्चे तेल कि गिरावट से लाभ होने कि संभावना है क्योंकि कच्चे माल और पैकेजिंग पर होने वाले खर्च में राहत मिलेगी׀
पेंट क्षेत्र:
कच्चे तेल कि कीमतों में गिरावट से पेंट कंपनियां जैसे एशियन पेंट, बर्जर पेंट्स, कंसाई नेरोलेक पेंट को भी लाभ होगा क्योंकि इन कंपनियों में कच्चे माल के तौर पर 45% कच्चे तेल के यौगिकों का ही उपयोग होता है׀
इससे पेंट कंपनियों के लाभ सीमाओं में सुधार करने में मदद मिलेगी׀
टेलिकॉम क्षेत्र:
सरकार द्वारा घर पर रहने और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेन्सिंग) रखने के आदेश दिए है जिससे टेलिकॉम क्षेत्र को सहायता मिलने कि उम्मीद है क्योंकि घर रहने से भारतीय अधिक डेटा कि खपत करते है׀
जैसे ही लॉकडाउन को हटाया जाएगा, कारोबार में अधिक संवाद कि आवश्यकता पड़ेगी और इससे टेलिकॉम कंपनियां आने वाली तिमाही में लाभ में मजबूत वृद्धि दर्ज करा सकती है׀
इसके साथ ही पिछले दिसम्बर में टैरिफ में बढ़ोतरी से, कंपनियां अच्छा कैश फ्लो का संचालन दर्ज करा सकती है׀
उद्योग नियंत्रकों द्वारा मोबाइल कि सेवाओं के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने कि अनुमति देने के बाद भी टैरिफ में और वृद्धी के बारे में बात कि जा रही है׀
रिटेल और मल्टीप्लेक्स क्षेत्र:
लॉकडाउन के बाद व्यापारिक मंदी में बढ़ोतरी के कारण रिटेल व्यापार में बढ़ोतरी होगी क्योंकि लॉकडाउन के बाद रिटेल बिक्री को चलने लगेगी׀
साथ ही, व्यापारिक मंदी में बढ़ोतरी और नयी मूवी रिलीज़ होने से मल्टीप्लेक्स व्यवसायी कम्पनियां जैसे पीवीआर लिमिटेड ओर आयनोक्स लीजर लिमिटेड के मुनाफे में भी बढ़ोतरी होगी, क्योंकि लोग इस मानसिक-संकट के बाद मनोरंजन के लिए सिनेमा हाल में उमड़ पड़ेंगे׀
रेस्टोरेंट क्षेत्र:
लॉकडाउन के बाद, बहार खाना खाने जैसी गतिविधियों में तुरंत बढ़ोतरी हो जाएगी क्योंकि लोग घर में बहुत ज्यादा खाने से ऊब सकते है׀
बड़ी मात्रा में लोग खाना खाने के लिए बाहर जाएँगे जिससे रेस्टोरेंट व्यापार की बिक्री और ऑनलाइन खाना आर्डर करने में भी बढ़ोतरी होगी׀ वेस्टलाइफ डेवलपमेंट, जुबिलेंट फ़ूडवर्क्स और इन्फोएज जैसे शेयरों में मुनाफे कि उम्मीद है׀
निजी बैंक:
बैंक, डिफ़ॉल्ट रूप से, लॉकडाउन के कारण अपने विभिन्न क्षेत्रों में जोखिमों से पीड़ित होंगे लेकिन एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, और आईसीआईसीआई बैंक जैसे बड़े निजी बैंक, जिनके पास उच्च प्रावधान कवरेज है; इनमें उच्च व्यापारिक लेनदेन होने के कारण लॉकडाउन समाप्त होने बाद स्थिर एसेट गुणवत्ता और मजबूत पूँजी अनुपात बढ़ने की उम्मीद है׀